Tuesday, 3 May 2016

Brief Intro of Simhastha Kumbh Mela 2016

Get set to visit the sacred city of central India, Ujjain, as it ready to host one of the most extravagant and biggest spiritual festivals. Ujjain Kumbh Mela 2016, famously known as Simhastha 2016 is one of the most popular festivals of India. The 5000 years old holy city is carrying the legacy of tradition and spirituality. After Christianity and Islam, Hinduism is the third largest followed religion, whereas one of the ancient ones. Kumbh Mela beautifully depicts the grandeur and devotion amongst the followers of Hinduism, as millions of devotees from all corners of the country come to attend the holy Kumbh mela.
Here are some interesting facts about Kumbh or Simhastha mela
·         The hugely awaited Kumbh Mela is held after every 12 years. The grand holy event is determined on the basis of planetary movements.
·         The auspicious occasion of Kumbh Mela comes when sun is positioned in Aries and Jupiter in two.
·         In order to attend the mela and offer prayers, the city will be flooded with sadhus, yogis, spiritual gurus and common people.
·         Shahi Snan also known as Holy Bath is one of the major attractions of Ujjain Kumbh Mela 2016. The holy bath holds lots of significance for the devotees, as it is the path for salvation.
Ujjain Kumbh Mela 2016 Shahi Snan or Holy Bath Dates:
·         Purnima Full Moon (First Snan)- April 22 2016
·         Vaishakh Krishna Amavasya- May 6 2016
·         Shukla/Akshey Tritya (Second Snan) – May 9 2016
·         Shukla Panchami-May 11 2016
·         Ekadashi and (Pradosh Snan)- May 17 2016
·         Purnima- May 21 2016

Some Other Interesting Facts to Know:

·         Ujjain Simhastha Kumbh Mela 2016 will lead to huge employment, i.e. 65, 000 direct and indirect vacancies.
·         As per sources, more than one billion devotees will attend the holy event of Ujjain Kumbh Mela 2016.
·         During the grand holy event of Simhastha 2016, approximately 100, 000 police personnel’s and 500, 000 volunteers will be deployed.

·         The city will be covered with almost 50, 000 CCTV cameras.

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Sunday, 7 July 2013



अमरनाथ धाम की यात्रा 28 मई से शुरू हो चुकी है। यह यात्रा कुल 55 दिनों तक चलेगी। 20 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन अमरनाथ गुफा के आखिरी दर्शन होंगे। अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के लिए 48 किलोमीटर के दुर्गम रास्तों को पार करना पड़ता है।
मार्ग की कठिनाइयों और जोखिम को जानने के बाद भी हर साल इस पवित्र गुफा के दर्शनों के लिए लाखों की तादाद में तीर्थयात्री आते हैं। इसका कारण सिर्फ अमरनाथ गुफा का दर्शन करना नहीं है। इस गुफा तक पहुंचने से पहले कई ऐसे पड़ाव आते हैं जो तीर्थस्थल के समान पवित्र और पूजनीय हैं।
इन स्थानों के दर्शन करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। इन स्थानों का संबंध उस अमर कथा है जिसकी वजह से देवी पार्वती अमर हुई और अमरनाथ गुफा में अद्भुत शिवलिंग प्रकट हुआ।


पहला पड़ाव - चंदनबाड़ी

अमरनाथ यात्रा की पैदल यात्रा पहलगाम से शुरू होती है। पहलगाम से पहला धार्मिक पड़ाव चंदनबाड़ी है। इसकी दूरी पहलगाम से 16 किलोमीटर है। मार्ग में नुनवन नामक स्थान आता है जहां यात्रियों की सुरक्षा जांच की जाती है।
चंदनबाड़ी के विषय में मान्यता है कि जब भगवान शिव देवी पार्वती को अमर कथा सुनाने जा रहे थे तब इस स्थान पर अपने माथे और शरीर पर लगा हुआ चंदन उतार कर रख दिया।

भगवान शिव के माथे पर शोभा बना चंदन जब यहां लगा तो ये स्थान शिवमय हो गया है। माना जाता है कि यहीं पर भगवान शिव ने अपने मस्तक पर धारण चन्द्रमा को भी उतारकर रखा था। चन्द्रमा ने यहीं पर शिव के लौटकर आने का इंतजार किया था।

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दूसरा पड़ाव - पिस्सू टॉप

अमर नाथ यात्रा का दूसरा और खूबसूरत पड़ाव है पिस्सू टॉप। यह स्थान चंदनबाड़ी से आठ किलोमीटर दूर है। दूसरे दिन की यात्रा पिस्सू घाटी की चढ़ाई से शुरू होती है। पिस्सू टॉप के विषय में मान्यता है कि भगवान शिव ने यहां पर अपनी जटाओं में मौजूद पिस्सुओं को यहां पर उतार कर रख दिया था।

पिस्सू घाटी के विषय में यह भी मान्यता है कि यहां पर देवताओं और असुरों के बीच घमासान युद्घ हुआ था। इस युद्घ में देवताओं ने असुरों को पराजित कर दिया। चंदनबाड़ी से पिस्सू टॉप की चढ़ाई काफी कठिन है। बहुत से तीर्थयात्री पिस्सू टॉप की चढ़ाई खच्चरों पर बैठकर पूरी करते हैं।

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तीसरा पढ़ाव - शेषनाग

पिस्सू टॉप के बाद तीसरा पड़ाव आता है शेषनाग। यहां एक मनोरम झील है जो शेषनाग झील कहलाती है। पौराणिक कथा के अनुसार यहां भगवान शिव ने पवित्र गुफा की ओर जाते समय अपने गले में धारण किए हुए नाग को उतारकर रखा था।नागराज ने यहीं पर भगवान शिव का इंतजार किया। दूसरे दिन तीर्थयात्री इसी पढ़ाव पर रात्रि विश्राम करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि शेषनाग झील में शेषनाग का निवास है और चौबीस घंटे में शेषनाग एक बार झील से बाहर आकर दर्शन देते हैं। कुछ ही सौभाग्यशाली लोगों को इनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है।व्यवहारिक दृष्टि से भी यह झील ऐसा लगती है मानो इसके चारों ओर शेषनाग का फन फैला हो। क्योंकि इसके चारों तरह सात पहाड़ियां शेषनाग के फन की तरह सिर उठाए खड़ी हैं।

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अंतिम पड़ाव - पंचतरणी

शेषनाग के बाद चौथा और अंतिम पड़ाव है पंचतरणी। इस पढ़ाव से पवित्र गुफा की दूरी महज 6 किलोमीटर रह जाती है। शेषनाग से यात्रा पूरी करने के बाद तीसरे दिन तीर्थयात्री पंचतरणी पहुंचकर विश्राम करते हैं।अगले दिन सुबह यहां से यात्रा आरंभ होती है और भक्तजन तीन किलोमीटर तक बर्फीले रास्ते पर चलकर पवित्र गुफा के दर्शन करते हैं। पंचतरणी के विषय में माना जाता है कि भगवान शिव ने यहां पर पंच भूतों, पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आकाश का त्याग किया था।इसके बाद भगवान शिव ने माता पार्वती के साथ पवित्र गुफा में प्रवेश किया। यहां पर पंचतरणी नदी की पांच धाराएं प्रवाहित होती हैं। ऐसी मान्यता है कि यह धाराएं भगवान शिव की जटा से निकली हैं। पंचतरणी से तीन किलोमीटर आगे अमरगंगा नदी बहती है जहां अमरगंगा और पंचतरणी का संगम होता है।

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Friday, 28 June 2013

More than 12700 yatris have registered for the first day yatra to the pilgrimage to holy cave shrine of Amarnath. This excludes the traveller using the heliservices up to Panjtarni. Traveller using heliservices is between 1200 - 1500. A valid health certificate has been made compulsory for the yatris going for the darshan of the pilgrimage.

Amarnath Journey

The pilgrims can only be between age of 13 years to 75 years. It is also estimated that 6567 pilgrims have registered to travel by the baltal route while 6150 yatras preferred the Pahalgam route.

Thursday, 13 June 2013

Holy Amarnath Yatra is surely one of the most sacred tourist pilgrimages in India. It commences from the month of May to August. The magnificent Amarnath Yatra is mainly created for the Hindus towards the Amarnath Cave and dedicated to Lord Shiva. The immensely holy pilgrimage shrine is positioned in Jammu Kashmir. Government of India opens the shrine during these months so that devotees pay visit to this holy shrine.

Amarnath History
According to the popular legend, Lord Shiva narrated the real meaning and significance of divinity, eternity and immortality to his consort Goddess Parvati in the holy shrine of Amarnath Cave. Before starting the story, he also stated that whosever will hear this complete story with full devotion will attain eternity and immortality. However, Goddess Parvati slept during the story reciting by Mahadev and pair of pigeon who were eavesdropping all, heard the whole story. It has been said that both the pigeons are still alive and if anybody gets their view by chance during the pilgrimage then it is considered as auspicious.

Baba Amarnath
Major Dates of Amarnath Yatra 2013
The holy cave of Amarnath is positioned in Jammu and Kashmir and dedicated to Lord Shiva also known as Amarnath. The annual pilgrimage of Hindus lasts for 45-50 days and located at an amazing height of 14,500 sq ft engulfed with some of the breathtaking views of phenomenal Himalayas valley which is a completely delightful experience for the visitors.

The Amarnath Yatra 2013 Date will commence on 28th June upto 21st August. Several devotees of Bhole Baba will visit the holy cave which shrines the Shiva Ling. This ice made ling is formed just for a few weeks every year. This sacred tour of Lord Amarnath is held every years and innumerable yatris from all across the world made visit to this holy shrine.

There are various modes of transportation available to access the holy pilgrimage. However, helicopter is regarded as the fastest and easiest way of commuting this holy shrine. Moreover, you would be able to enjoy the stunning beauty and glory of the snowy mountain peaks of Himalayas as well as natural surroundings by helicopter during your holy visit to the Amarnath Shrine.

Important Steps to Follow
As visiting the holy shrine of Amarnath Cave is an arduous task, the pilgrims need to follow some significant measures as well as rules and regulations while making entry into the holy cave.

Tuesday, 11 June 2013

पवित्र बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को अब किसी भी जानकारी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। मात्र एक फोन कॉल कर देश के किसी भी कोने से श्रद्धालु ट्रेनों के आवागमन, यात्रा का मौसम, जम्मू रेलवे से शहर के किसी भी कोने में जाने के लिए मार्ग तथा यात्री किराये की जानकारी हासिल कर पाएंगे।
पढ़ें-अमरनाथ यात्रा से जुड़ी सारी खबरें

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे पुलिस ने टेलीफोन हेल्पलाइन सेवा तथा पूछताछ केंद्र खोलने का फैसला लिया है। यह सेवा सप्ताह के सातों दिन चौबीस घंटे चालू रहेगी। यात्रा के समाप्त होते ही समाप्त हो जाएंगी। रेलवे पुलिस द्वारा स्थापित हेल्पलाइन तथा पूछताछ केंद्र हालांकि औपचारिक तौर पर अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से चार दिनों पूर्व 24 जून से शुरू होगी, परंतु टेलीफोन हेल्पलाइन सेवा आज (सोमवार) से ट्रायल के तौर पर शुरू हो गई। यह रेलवे पुलिस लाइन से संचालित होगी।

यात्री फोन नंबर 09697000100 पर कॉल कर ट्रेनों के चलने व पहुंचने के बारे में जानकारी हासिल पर पाएंगे। अमरनाथ यात्रा के दौरान रेलवे स्टेशन से यात्रा के मुख्य आधार शिविर भगवती नगर, राम मंदिर पुरानी मंडी, गीता भवन परेड जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं को पूरी जानकारी मिल पाएंगी कि ऑटो या टैक्सी कहां से मिलेगी और संभावित किराया कितना होगा। इतना हीं नहीं श्रद्धालुओं को अमरनाथ के दोनों मार्गो पहलगाम तथा बालटाल के मौसम की जानकारी भी फोन पर उपलब्ध होगी। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए रेलवे स्टेशन के आउटर पर रेलवे पुलिस शिविर लगाएगी। यहां श्रद्धालुओं को हर प्रकार की जानकारी तथा उनकी शिकायतों का तत्काल निपटारा किया जाएगा।
Amarnath Jee Yatra

वहीं, एसएसपी रेलवे शिव कुमार शर्मा का कहना है कि रेलवे स्टेशन राज्य के मुख्य द्वार की तरह है। यहीं से यात्रियों को अपने गंतव्य पर जाने के लिए सहायता की जरूरत पड़ती है। ऐसे में रेलवे पुलिस अपने उनकी सहायता के लिए उपलब्ध है। मात्र एक फोन कॉल से यात्रियों को हर प्रकार की जानकारी हासिल कर पाएंगे।

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Monday, 10 June 2013

Association of Kashmir Tour Operators (AKTO) has hailed Governor N N Vohra for allotting helicopter tickets of Amarnath Yatra to local travel trade organization on time.

Chairman AKTO Nazir Ahmad Mir, while appreciating the efforts of chairman of the Shri Amarnath Shrine Board (SASB) and Governor N N Vohra and its CEO Navin K Choudhary for the smooth conduct of annual yatra, said local stake holders should get the maximum benefit of the Amarnath Yatra. Mir said the arrangement made by SASB is commendable for which the travel operators would provide all the support.
 Helicopter package for Amarnath Yatra
“The share of helicopter tickets for Amarnath Yatra is the right of local genuine tour operators. They should be given maximum share so that the locals are benefited. We are highly thankful to governor and CEO of SASB for passing benefits of pilgrim tourism to locals,” he said.

He said AKTO would promote not only Amarnath Yatra but also other pilgrim places in the state including Valley’s Sufi shrines.

Source : http://www.risingkashmir.in/news/helicopter-quota-of-amarnath-yatra-48828.aspx

Thursday, 30 May 2013


There is 12 places of lord shiva “Jyotirlingas” in India where appeared in the form of light (Jyoti) lingam
1 - Somanath 2 - Mallikarjun 3 - Mahakaleshwar 4 - Omkareshwar 5 - Kedarnath 6 - Bhimashankar 7 - Vishwanath 8 - Tryambakeshwar 9 - Vaidyanath 10 - Nageshwar 11 - Ramesham 12 - Grishneshwar